Sunday, September 27, 2020

न्याय,अधिकार और शोषण के खिलाफ़ संघर्ष के लिए प्रेरित किया नाटक ‘न्याय के भंवर में भंवरी’ ने! – मंजुल भारद्वाज

 



न्याय,अधिकार और शोषण के खिलाफ़ संघर्ष के लिए प्रेरित किया नाटक न्याय के भंवर में भंवरीने! – मंजुल भारद्वाज

नाटक न्याय के भंवर में भंवरीने नाटक राजगतिके विचार प्रहार और नाटक गर्भके प्रदीप्त कलात्मक चैतन्य को सामूहिक क्रंदन में बदल कर न्याय, अधिकार और शोषण के खिलाफ़ दर्शको को संघर्ष के लिए प्रेरित किया!

न्याय के भंवर में भंवरीआधी आबादी की अपने हक की हुंकार है. अपने ऊपर होने वाले अन्याय के खिलाफ़ यलगार है. न्याय के भंवर में भंवरीभारतीय समाज की पितृसत्तात्मक, सामंतवादी, और धर्मवादी शोषण की बुनियाद पर प्रहार है. समता, समानता, शोषणमुक्त,  न्याय और शांतिप्रिय समाज के निर्माण की पुकार है नाटक न्याय के भंवर में भंवरी’!

नाटक में नायिका की भूमिका को साकार करने वाली अभिनेत्री बबिता रावत ने किरदार को पूरी जीवन्तता के साथ मंच पर साकार किया और दर्शकों को उद्वेलित किया. अपनी अभिनय पराकाष्ठा से औरंगाबाद के गोविंदभाई श्राफ कॉलेज के ऑडिटोरियम में मौजूद दर्शकों को अपनी मानसिक, सामाजिक और सांस्कृतिक बनावट से रूबरू कराते हुए पुरुष में जड़ जमाये पुरुषवाद, उसकी हिंसा, क्रूरता और बर्बरता को सामने प्रकट किया. मर्दवाद के वर्चस्ववादी क्रूर चेहरे को देख पूरा सभागृह रो उठा और गहरी पीड़ा से भर गया. यह कलात्मक सांस्कृतिक चेतना जगी 27 नवम्बर को समता के सारथी महात्माफुले की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर औरंगाबाद के गोविंदभाई श्राफ कॉलेज के ऑडिटोरियम में! 

नाटक की नायिका बबली रावत ने अपने दीर्घ अभिनय अनुभव को नए आयाम देते हुए समाज की सामान्य नारी की जीवन यात्रा को भंवरीमें रूपांतरित कर दर्शकों की चेतना को झकझोर दिया. मंच के अलग अलग हिस्सों, दृश्य और उससे बनते हुए कोणों का दर्शक के दृष्टिकोण को बदलने के लिए कमाल का उपयोग किया. नाटककार का आलेख और निर्देशक के दृश्य बंध को कलाकार जब जीता है, तो वो अपनी नई कलात्मकऊँचाइयों को छूता है. अभिनेत्री बबली रावत ने भी अपनी नई कलात्मक ऊँचाइयों का कीर्तिमान स्थापित किया.

अपनी पितृसत्तात्मक, सामन्ती, धर्मवादी, शोषणकारी और मर्दवादी बुनियाद के देहावसान के बाद निर्मल भावों में सुबकते दर्शकों ने समता, समानता, शोषणमुक्त, न्याय और शांतिप्रिय समाज के निर्माण की हुंकार भर नाटक को सार्थक बना दिया!

लेखन-निर्देशन : रंगचिंतक मंजुल भारद्वाज

कलाकार:अश्विनी नांदेडकर, बबली रावत ,योगिनी चौक, सायली पावसकर, कोमल खामकर, तुषार म्हस्के ,स्वाती वाघ, प्रियंका कांबळे,सुरेखा, बेटसी अँड्र्यूस आणि सचिन गाडेकर.

प्रकाश संयोजन : संकेत आवले

आयोजन: दो दिवसीय 26-27 नवम्बर, 2019 'थिएटर ऑफ़ रेलेवंस -संविधान संवर्धन नाट्य जागर ' महोत्सव

आयोजक :प्रगतिशील लेखक संघ व इप्टा औरंगाबाद,महाराष्ट्र

निमित्त : आयटक शताब्दी वर्ष व साहित्यरत्न अण्णा भाऊ साठे जन्मशताब्दी वर्ष

.....

#नाटकन्यायकेभंवरमेंभंवरी #थिएटरऑफ़रेलेवंस #मंजुलभारद्वाज

,,,,,

No comments:

Post a Comment

Manjul Bhardwaj’s new Marathi Play ‘Lok-Shastra Savitri ' the Yalgar of Samta !

  Manjul Bhardwaj’s new Marathi Play ‘Lok-Shastra Savitri ' the Yalgar of Samta ! - Kusum Tripathi When I received a call from my old fr...