दर्शकों ने जब ‘गर्भ’ नाटक के गर्भ से जन्म लिया! – मंजुल भारद्वाज
राजनीति और उसके
विभिन्न आयामों को मथने के बाद दर्शकों पर हुए वैचारिक प्रहार को नाटक ‘गर्भ’ ने
कलात्मक स्पर्श से स्पंदित किया. राजगति की गहन मनन प्रकिया को एक कलात्मक मोड़
दिया नाटक ‘गर्भ’ ने.
दर्शकों को एक
अनूठे भाव विश्व का भ्रमण कराते हुए दर्शक चेतना को अन्तर्मुखी किया. दर्शक अपने
अंदर उतर गये और अपने को मंच पर जन्मते हुए देखा. अपने गर्भ
धारण,जन्म,बाल्यकाल,जवान होते अरमानों,जात पात और धर्म की कुंठाओं, भाषा की
जड़ता,भौगोलिक सीमाओं,प्रदूषित नदियों और पर्यावरण की विभीषिका,रंगभेद नस्लभेद के कुचक्र और क्रांति के खोखले नारों के शोर में कैद
पाया. अपने निर्णय नहीं कर पाने के क्षोभ को जीया और वसुंधरा के गर्भ से निकलते
लावे में स्वयं को स्वाहा किया. बरसों बरस साधना के बाद मानव निर्मित जाल को तोड़ने
के लिए सांस्कृतिक चेतना का आवाहन किया और नीला भागवत का स्वरबद्ध ‘खूबसूरत है
जिंदगी’ गीत को मंच पर कलाकारों के साथ गाया और समय की ताल के साथ ताल मिला स्वयं
को सांस्कृतिक क्रांति के लिए प्रतिबद्ध किया!
‘गर्भ’ नाटक की
नायिका ने पूरे नाटक को मंच पर अपने अभिनय से रचा. नाटककार के आलेख को अपनी अभिनय
कला के गर्भ से मंच पर जन्म दिया. सारे रसों को साध कर बड़े सहज अदा,अंदाज़ से
रंगमंच पर बिखेर दिया. अपनी आवाज़ के सुर और स्वर लहरियों से दर्शकों को बांधे रखा.
देह की भाषा को अपने अभिनय का नया प्रतिमान बनाया. नायिका की एक एक मुद्रा ने सोने
पर सुहागे की तरह दर्शक चेतना को अपने कलात्मक चैतन्य से प्रदीप्त किया.
थिएटर ऑफ़ रेलेवंस
के सूत्रपात से लेकर यानी विगत 28 वर्षों से अपने अभिनय और रंग प्रतिबद्धता से थिएटर
ऑफ़ रेलेवंस नाट्य सिद्धांत को भारत और वैश्विक भूमि पर साकार करने वाली वरिष्ठ रंग
अभिनेत्री बबली रावत ने कहा, ‘अश्विनी नांदेडकर को मैंने गर्भ नाटक की पहली प्रस्तुति
से लेकर आज की प्रस्तुति तक देखा है. आज की प्रस्तुति के बाद मैं यह कहना चाहती
हूँ की अश्विनी नि:संदेह भारतीय रंगमंच की सर्वश्रेठ अभिनेत्री है’!
नायिका अश्विनी नांदेडकर
का नाटक में बखूबी साथ दिया सशक्त कलाकार सायली पावसकर,कोमल खामकर,तुषार म्हस्के
और प्रियंका कामले ने!
लेखन-निर्देशन :
रंगचिंतक मंजुल भारद्वाज
कलाकार:अश्विनी
नांदेडकर, बबली रावत ,योगिनी चौक, सायली पावसकर, कोमल खामकर, तुषार म्हस्के ,स्वाती वाघ, प्रियंका कांबळे,सुरेखा, बेटसी अँड्र्यूस आणि सचिन गाडेकर.
प्रकाश संयोजन :
संकेत आवले
आयोजन: दो दिवसीय
26-27 नवम्बर, 2019 'थिएटर ऑफ़ रेलेवंस
-संविधान संवर्धन नाट्य जागर ' महोत्सव
आयोजक :प्रगतिशील
लेखक संघ व इप्टा औरंगाबाद,महाराष्ट्र
निमित्त : आयटक
शताब्दी वर्ष व साहित्यरत्न अण्णा भाऊ साठे जन्मशताब्दी वर्ष
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