जाने माने रंग चिन्तक मंजुल भारद्वाज द्वारा
लिखित और निर्देशित बहुभाषिक नाटक “ अनहद नाद -
अन हर्ड साउंड्स ऑफ़ युनिवर्स ” का मंचन २२ जनवरी
२०१६ - शुक्रवार को रात 8.30 बजे “शिवाजी नाट्य मंदिर” मुंबई में मंचन होगा.
नाटक “अनहद नाद - अन हर्ड साउंड्स ऑफ़ युनिवर्स ” कलात्मक चिंतन है, जो कला और कलाकारों की कलात्मक आवश्यकताओं,कलात्मक मौलिक प्रक्रियाओं को समझने और खंगोलने की प्रक्रिया है। क्योंकि कला उत्पाद और कलाकार उत्पादक नहीं है और जीवन नफा और नुकसान की बैलेंस शीट नहीं है इसलिए यह नाटक कला और कलाकार को उत्पाद और उत्पादिकरण से उन्मुक्त करते हुए, उनकी सकारात्मक,सृजनात्मक और कलात्मक उर्जा से बेहतर और सुंदर विश्व बनाने के लिए प्रेरित और प्रतिबद्ध करता है ।
अश्विनी नांदेडकर ,योगिनी चौक, सायली पावसकर,तुषार म्हस्के और कोमल खामकर अपने अभिनय से नाट्य पाठ को मंच पर आकार देकर साकार करेंगें !
एक्सपेरिमेंटल थिएटर फाउंडेशन विगत २३ वर्षों से देश विदेश में अपनी प्रोयोगात्मक , सार्थक और प्रतिबद्ध प्रस्तुतियों के लिए विख्यात है
सुप्रसिद्ध रंग चिंतक मंजुल भारद्वाज लिखित आणि दिग्दर्शित नाटक " अनहद नाद - अन हर्ड साउंड्स ऑफ़ यूनिवर्स " ची शिवाजी नाट्य मंदिरात साद
२२ जानेवारी , 2015 रोजी शुक्रवार रात्री 8.30 वाजता .
आजच्या तथाकथित रंगभूमिवर चालणाऱ्या कलेच्या बाजारीकरणावर प्रहार करणारे बहुभाषिक नाटक “अनहद नाद – अनहर्ड साउंड्स ऑफ़ युनिवर्स” चा प्रयोग २२ जानेवारी , 2015 रोजी शुक्रवार रात्री 8.30 वाजता शिवाजी नाट्य मंदिर (दादर) मुंबई इथे होणार आहे. सादर होणार आहे. या नाटकाला नुकतंच मॅग्स मुंबई अवॉर्ड 2015 तर्फे 1 नोव्हेंबर 2015 रोजी "उत्कृष्ट कला पुरस्कार" हे सन्मानचिन्ह देऊन गौरविण्यात आले.
सुप्रसिद्ध रंग चिंतक मंजुल भारद्वाज लिखित आणि दिग्दर्शित “अनहद नाद - अन हर्ड साउंड्स ऑफ़ युनिवर्स” हे नाटक एक असं कलात्मक चिंतन आहे, जे कला आणि कलाकारांच्या कलात्मक गरजा, कलेच्या मूलभूत प्रक्रिया अंतर्बाह्य समजून त्या विश्लेषित करण्याची प्रक्रिया आहे. कारण कला ही व्यापार नाही तसेच कलाकार हा व्यापारी नाही आणि आयुष्य हे नफा-तोटयांचा हिशेबही नाही. म्हणूनच हे नाटक कलेला आणि कलाकारांना कलेच्या व्यापारिकरणांतुन उन्मुक्त करतं, त्यांना सकारात्मक, सृजनात्मक आणि कलात्मक उर्जेने उजळून....बहरुन, सुंदर विश्वाची रचना करण्याकरीता प्रेरीत आणि प्रतिबद्ध करतं. अश्विनी नांदेडकर, योगिनी चौक, सायली पावसकर, तुषार म्हस्के आणि कोमल खामकर आपल्या अभिनयाने या नाटकाला रंगभूमीवर साकार करतील.
एक्सपेरिमेंटल थिएटर फाउंडेशन २३ वर्षांपासून देश-विदेशांत आपल्या सार्थक, प्रतिबद्ध प्रयोगशीलतेसाठी सुप्रसिद्ध आहे
The Experimental Theatre Foundation is presenting renowned playwright & director Manjul Bhardwaj `s multilingual play “अनहद नाद –Unheard Sounds of Universe” on 22 January – Friday , 8.30 PM sharp. At Shivaji Natya Mandir (Dadar-west), Mumbai. The play “unheard sounds of Universe” is an exploration of artistic needs to emancipate art and artists from productization to comiit their artistic creativity to make the world better and humane and not a profit and loss balance sheet of life .Ashwini Nandedkar,Yogini Chouk,Sayali Pawaskar,Tushar Mhaske and Komal Khamkar are performing in the play.
Experimental Theatre Foundation is known nationally & internationally for it`s experimental, relevant and committed performance since 1992
Renowned playwright & director Manjul
Bhardwaj `s multilingual play “अनहद नाद –Unheard
Sounds of Universe” on 22 January – Friday , 8.30 PM sharp. At Shivaji Natya
Mandir (Dadar-west), Mumbai
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