सुप्रसिद्ध नाटककार मंजुल
भारद्वाज
का नाटक
“ड्राप बाय ड्राप : वाटर”
२६ अगस्त से २८ अक्टूबर २०१३
तक
यूरोप में मंचित होगा !
सुप्रसिद्ध
रंगकर्मी मँजुल भारद्वाज द्वारा लिखित,निर्देशित नाटक ड्राप बाय
ड्राप वॉटर का मँचन यूरोप में 26 अगस्त 2013 से 29 अक्टूबर 2013 तक होगा । 65 दिन तक चलने वाले इस नाटक के
शो जर्मनी,सिल्वेनिया,और ऑस्ट्रिया के विभिन्न शहरों में मँजुल भारद्वाज द्वारा
स्थापित सँस्था दि एक्सपेरिमेंटल थियेटर फाउँडेशन द्वारा आयोजित किये जायेंगे।
बुरो फॉर कुल्तुर उन्द मीदिएन्न प्रोजेक्कते (Buro
Fur Kultur Und-Medien Projekte) ने एक्सपेरिमेंटल थियेटर फाउँडेशन को उपरोक्त नाटक का “किंडर कुल्तुर कारवां” यानि
बाल नाट्य समारोह में मंचित करने के लिए आमंत्रित किया है .
नाटक “ड्राप बाय ड्राप : वाटर” पानी के निजीकरण के भारत में ही नहीं दुनिया के किसी भी
हिस्से में विरोध करता है और सभी सरकारों जनमानस के इस भावना “ पानी हमारा नैसर्गिक और जन्म सिद्द अधिकार है” से रूबरू करता है और जन आन्दोलन के माध्यम से बहुरास्ट्रीय
कम्पनियों को खदेड़कर सरकार को पानी की निजीकरण नीति वापस लेने पर मजबूर करता है.
नाटक जल बचाव , सुरक्षा और जल सवंर्धन पर जोर देते
हुए पानी कैसे संस्कृति और मानव जीवन और मूल्यों को सहेजता है से दर्शकों को अवगत
करता है . नाटक “ड्राप बाय ड्राप : वाटर” पानी की उत्पत्ति , उत्सव और विध्वंस की यात्रा है . पानी का विकराल और
विध्व्न्सात्मक रुप अभी अभी देश ने उतराखंड में एक त्रसादी के रूप में झेला है जो
हमें हर पल चेताता है की प्रकृति और प्राकृतिक प्रक्रिया में लालची और मुनाफाखोर
मनुष्य के सवभाव को प्रकृति बर्दाश्त नहीं करेगी !
इस नाटक को अपने अभिनय से वचिंत
पृष्ठभूमि के कलाकारों ने सजीव और रोचक बनाया है. सात कलाकारों के समूह में ६
लडकियाँ और एक लड़के ने “थिएटर ऑफ़ रेलेवंस” नाट्य दर्शन की अवधारणा और प्रक्रिया में विगत डेढ़ वर्ष से
अपने आप को तराशा है. ये कर्मठ कलाकार है अश्विनी नांदेडकर ,किरण पाल, प्रियंका रावत , काजल देओबंसी,प्रियंका वाव्हल,सायली पावसकर और मल्हार पानसरे .
मंजुल भारद्वाज ' दि एक्सपेरिमेंटल थियेटर फाउँडेशन ' के माध्यम से “थिएटर ऑफ़ रेलेवंस” नाट्य दर्शन के द्वारा रंगकर्म से सामाजिक एवम सांस्कृतिक
रचनात्मक बदलाव प्रक्रिया के लिए देश विदेश में जाने जाते हैं .
'
दि
एक्सपेरिमेंटल थियेटर फाउँडेशन ' विगत २१ वर्षों से जमीनी
स्तर पर, दूरदराज के इंटीरियर, आदिवासी बेल्ट, गांवों, कस्बों, से लेकर सड़कों, मंच, और प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय
मंचों पर २८ से ज्यादा नाटकों का २५००० से ज्यादा बार मंचन किया है !
मंजुल भारद्वाज भारतीय रँगमँच को
विश्व मँच पर लाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। युवा रँगकर्मियों
द्वारा मँचित ये नाटक यूरोप के युवा वर्ग में निश्चय ही पसँद किया जायेगा।
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Well known playwright Manjul Bhardwaj
Play “Drop by Drop: Water”
Will be performed in Europe from 26th
Aug to 28th Oct. 2013
The Experimental Theatre Foundation is invited by Buro
Fur Kultur Und-Medien Projekte to Europe to perform play “Drop by Drop: Water”
in Germany , Slovenia and Austria for 65 days from 26th of August to 29th
of October 2013. The play" Drop by Drop: Water” will be performed in Hamburg,
Ehingen, Oschatz, Erfurt, Darmstadt in Germany, Ljublijana & Szenana (
Solvenia, Vienna and Linz in Austria.
Manjul Bhardwaj will conduct theatre workshops on his
philosophy “Theatre of Relevance” with theatre professionals and young pupil in
Europe. This is a significant contribution and recognition of Indian theatre
and its trends in Europe and other parts of the world.
The
Experimental Theatre Foundation has completed 21 years of Theatre of Relevance
(1992-2013). Founded in 1992 by Manjul Bhardwaj in view to practice “Theatre of
Relevance”. Experimental Theatre Foundation has performed more than 28 plays on
more than 15,000 times nationally and internationally & conducted more than
120 theatre workshops all over India and Germany, Austria and Europe in which
more than 4000 potential theatre performers participated.
In these years the organization has gone through a
journey from nukkads, remote interior of grassroots, tribal belts, villages,
towns, slums of metropolitan cities, well known performing venues to the
international arena through performances on streets, stage, workshop and
innovative thought of “Theatre as medium of constructive Change”.
“Theatre of Relevance” has brought a
sea change in the life of Priyanka Rawat, Kiran Pal, Priyanka Vavhal, Kajal
Deobansi, Sayali Pawaskar, Malhar Pansre & Ashwini Nandekar who will
perform Play “Drop by Drop: Water” . The play is written & directed
by well known theatre personality Manjul Bhardwaj is a journey of the
formation, celebration and destruction of water
“Water is the culture
Helping us to nurture
Water is the power
let’s save it everywhere!
Helping us to nurture
Water is the power
let’s save it everywhere!
Water is the miracle in nature. It generates itself through a natural cycle & cultivates, cleans, & helps all of us to survive. This universe or globe cannot exist without water. Nature proposes & man disposes. Has the man fulfilled his responsibility towards water? Yes being the living creatures, we all have right on water. But what about our responsibility to conserve, preserve & reserve it? While realizing our own rights, do we also think of fellow human beings who are deprived of their rights? For most of us it is our basic need but for some of us has converted marketing & selling of this natural resource into their greed for money. So water is the business also! We are playing with this super power by destroying plants, ponds, wells, & rivers & replacing them with buildings, malls, factories. With man's greed for modernization, will water remain our means of survival or will it be a means to our end?
Water doesn't discriminate
Water doesn't alienate
It civilizes us
It humanizes us! “
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